भोपाल में विधानसभा से, जो ताजा सियासी घटनाक्रम के 13 दिन बाद शुरू हुई है. मध्य प्रदेश विधानसभा में सोमवार को सियासी उठापटक के बीच फ्लोर टेस्ट नहीं हुआ। स्पीकर एनपी प्रजापति ने कोरोनावायरस का हवाला देते हुए 26 मार्च तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। इसी दिन राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग भी होनी है। इससे पहले राज्यपाल लालजी टंडन करीब 11.15 बजे विधानसभा पहुंचे। उन्होंने अभिभाषण पूरा नहीं पढ़ा। लोकतांत्रिक मूल्यों का निर्वहन करें, इतना कहकर वे सदन से चले गए। वहीं, कमलनाथ ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा- मौजूदा स्थिति में फ्लोर टेस्ट कराना संभव नहीं है। अभी सदन में बहुमत परीक्षण कराना अलोकतांत्रिक है।
- 11.45 AM: विधायकों ने विधानसभा परिसर में नारेबाजी की।
- 11.40 AM: दिग्विजय सिंह राज्यपाल टंडन से मिलने राजभवन पहुंचे।
- 11.30 AM: भाषण खत्म करने के बाद राज्यपाल खड़े हुए तो कुछ विधायकों ने नारेबाजी की। कुछ देर दोनों तरफ से हंगामे के बाद नेता विपक्ष गोपाल भार्गव ने प्रस्ताव पढ़ना शुरू किया। हंगामे के चलते विधानसभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित की गई।
- 11.20 AM: राज्यपाल अभिभाषण पूरा पढ़े बिना ही चले गए।
- 11.09 AM: राज्यपाल लालजी टंडन राजभवन से विधानसभा के लिए निकले।
- 10 AM: विधानसभा में भजन बजाए जा रहे हैं।
- 9.55 AM: मुख्यमंत्री कमलनाथ विधानसभा जाने के लिए निकले।
- 9.30 AM: राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा मुख्यमंत्री से मुलाकात करने पहुंचे।
- 8.30 AM: संसदीय कार्य मंत्री गोविंद सिंह सीएम हाउस पहुंचे।
- श्यामला हिल्स, न्यू मार्केट, पुलिस हेडक्वार्टर के आसपास, शिवाजीनगर और एमपी नगर इलाके में कड़ी सुरक्षा है। धारा 144 भी लागू है।
- वन विहार आने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्हें दूसरे रास्ते से भेजा गया। शहर में कई बार वीआईपी मूवमेंट के कारण ट्रैफिक को रोकना पड़ा।
कमलनाथ का पत्र मिला तो नाराज हुए राज्यपाल
राज्यपाल को 10.50 बजे विधानसभा जाने के लिए निकलना था। इसी बीच कमलनाथ ने राज्यपाल को पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट नहीं कराने की जानकारी दी, इससे वे नाराज हो गए। राज्यपाल 11.08 बजे तक बाहर नहीं निकले। इस पर राजभवन के बाहर हलचल तेज हो गई। कयास लगाए जाने लगे कि राज्यपाल विधानसभा नहीं जाएंगे। बताया जा रहा है राज्यपाल ने संवैधानिक विशेषज्ञों की सलाह ली और विधानसभा जाने को तैयार हुए। राज्यपाल के विधानसभा रवाना होने के बाद यहां सुरक्षा में लगे करीब 50 जवानों को भोजन के पैकेट दिए गए। इन्होंने भोजन करना शुरू ही किया था कि इतने में राज्यपाल के वापस आने की सूचना मिली। सुरक्षाकर्मी भोजन बीच में छोड़कर फिर से मुस्तैद हो गए। राज्यपाल विधानसभा से 11.20 बजे राजभवन में एंट्री कर गए।
सीएम हाउस के सुरक्षाकर्मी लगातार ड्यूटी कर रहे
मुख्यमंत्री निवास के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। गेट के बाहर किसी को रुकने नहीं दिया जा रहा है। एक सुरक्षाकर्मी के मुताबिक, हम लोग 24 घंटे से ड्यूटी पर हैं। सिर्फ खाना खाने के लिए गए थे। सीएम हाउस में सुबह से हलचल नहीं है। कुछ खाली गाड़ियां अंदर जरूर गई थीं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि कुछ मंत्री यहां रात से ही रुके हो सकते हैं।
भाजपा ने कहा- राज्यपाल के निर्देशों का उल्लंघन हुआ
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने रविवार रात राज्यपाल से मुलाकात की। उन्होंने कहा- राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष और सरकार को निर्देश दिया था कि 16 मार्च को अभिभाषण के बाद फ्लोर टेस्ट करवाएं। लेकिन, सरकार की ओर से विधानसभा की कार्यसूची में केवल अभिभाषण को लिया गया। यह राज्यपाल के निर्देश का उल्लंघन और असंवैधानिक है। हमने विरोध के तौर पर ज्ञापन दिया है। राज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि वे नियमों के तहत इस पर निर्णय लेंगे।
16 विधायकों ने फिर भेजे इस्तीफे
कांग्रेस के 16 विधायकों ने रविवार को दोबारा विधानसभा स्पीकर प्रजापति को अलग-अलग पत्र भेजकर उनके इस्तीफे स्वीकार करने की मांग की थी। इसमें उन सभी ने अध्यक्ष के सामने प्रत्यक्ष उपस्थित होने में असमर्थता जताई है। इसके लिए उन्होंने वर्तमान में प्रदेश की खराब कानून-व्यवस्था और अनिश्चितता का वातावरण होने का हवाला दिया है। उन्होंने लिखा है कि जिस तरह आपने 6 विधायकों के इस्तीफे स्वीकृत किए हैं, उसी प्रकार हमारे भी स्वीकार करें।